फ़रिश्ता है या है परी,
पल रह है मुझमे अभी,
न्योछावर है उस नन्ही सी जान के लिए,
इस जहाँ की खुशिया सभी।
हलचल हो रही है,
मस्ती भी हो रही है,
ममता के इस पहले अहसास से,
अजीब सी ख़ुशी भी हो रही है.
छोटे छोटे से हाथ,
और छोटे छोटे से पैर,
कर रहे, मजे से,
मेरे कोंख की सैर.
आँखों में चमक,
होंठो पे मुस्कराहट,
चहरे पर भोलापन,
और नन्हे से कदमो की आहत।
खुशिया भरने आ रहा है मेरे आँगन में,
सम्पुर्नाता का अहसास ला रह है मेरे जीवन में.
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Hey Pallavi.. dis one is amazing!!
ReplyDeleteHeartly congrates!! Very touching n true!
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