Friday, January 15, 2010

मेरी पसंदीदा कविता ( जो मैंने नहीं लिखी)

दुःख बड़े काम की चीज़ हैं!

दुःख न हो तो कोई याद नहीं करेगा,
कोई प्रभु से फ़रियाद नहीं करेगा!

सुख चालक हैं,भटकाता हैं!
अपने पते पर कभी नहीं मिलता!
दुःख भोला भाला हैं,
दूसरो के पते पर भी मिल जाया करता हैं!

दुखी बने रहो ,कोई इर्ष्या नहीं करेगा,
सुखी हो गए तो संसार नहीं सहेगा!

दुःख अन्तरंग हैं ,
सदा संग संग हैं!
सुख तो हैं उछ्रुन्खाल,
दुःख में तमीज हैं
दुःख बड़े काम की चीज़ हैं !!!

कवी:- सरोज कुमार

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